राम जन्मभूमि
फैजाबाद (अयोध्या ) उत्तर प्रदेश में धारा सरयू के तट पर स्थित अयोध्या, हिंदुओं के 7 पवित्र शहरी समुदायों में से एक है। अयोध्या रामायण के हिंदू महाकाव्य में एक बुनियादी हिस्सा मानती है क्योंकि इसे भगवान राम की उत्पत्ति माना जाता है। राम जन्मभूमि वह स्थल है जिसे हिंदू देवता विष्णु के सातवें अवतार राम का जन्मस्थान माना जाता है। रामायण में कहा गया है कि राम के जन्मस्थान का स्थान "अयोध्या" नामक शहर में सरयू नदी के तट पर है।
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राम मंदिर के इतिहास में 5 अगस्त 2020 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। 1528 से लेकर 2020 तक यानी 492 साल के इतिहास में कई मोड़ आए। जमीन के नीचे खंभों की पाइलिंग कर उस पर मंदिर निर्माण करने की तकनीक फेल हो गई है. जिसके बाद अब मंदिर निर्माण हार्ड स्टोन से होगा. इसके लिए नींव के अंदर पुरानी पद्धति से लगभग 50 फुट गहरे गड्ढे खोदे जाएंगे जिनमें नींव के लिए मिर्जापुर के स्पेशल पत्थरों का इस्तेमाल होगा. इसके ऊपर मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा यह प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में हिन्दू धर्मावलम्बियों के आस्था का केंद्र है|अयोध्या प्राचीन समय में कोसल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी |प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को मोक्षदायिनी एवं हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली के रूप में माना जाता है |
अयोध्या हिंदुओ के 7 पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है. जिसमें अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची , अवंतिका और द्वारका शामिल है. पारंपरिक इतिहास में, अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) कोसल राज्य की प्रारंभिक राजधानी थी. गौतमबुद्ध के समय कोसल के दो भाग हो गए थे- उत्तर कोसल और दक्षिण कोसल जिनके बीच में सरयू नदी बहती है