....Shadow-X Cyber Ghost......
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29/10/2024
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horre
it is successful
29/10/2024
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killing me
where are you . i am back .
29/10/2024
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test
28/10/2024
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cd
17/10/2024
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राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।
30/08/2024
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राम मंदिर एक महत्वपूर्ण अर्ध निर्मित हिंदू मंदिर है
राम मंदिर एक महत्वपूर्ण अर्ध निर्मित हिंदू मंदिर है जो वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में है। जनवरी २०२४ में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार है और २२ जनवरी २०२४ को इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई।
30/08/2024
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राम मंदिर एक महत्वपूर्ण अर्ध निर्मित हिंदू मंदिर है
राम मंदिर एक महत्वपूर्ण अर्ध निर्मित हिंदू मंदिर है जो वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में है। जनवरी २०२४ में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार है और २२ जनवरी २०२४ को इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई।
30/08/2024
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भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या धाम
अयोध्या उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है और इसे हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। Ayodhya में कई हिंदू मंदिर स्थित हैं, जिनमें कुछ सैकड़ों वर्षों से हैं। Ayodhya Dham में मंदिरों की सही संख्या निर्धारित करना मुश्किल है, क्योंकि समय के साथ नए मंदिरों का निर्माण होता है और पुराने का जीर्णोद्धार या विस्तार होता है।
01/07/2023
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विरुपाक्ष मंदिर, कर्नाटक / Virupaksha Temple, Karnataka
विरुपाक्ष मंदिर Virupaksha Temple भारत के कर्नाटक राज्य में, बल्लारी जिले के हम्पी गांव में स्थित है। यह हम्पी के स्मारक समूह का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूचि मे शामिल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है भगवान विरुपाक्ष, शिव का एक रूप है-। 1336-1570 A.D. के विजयनगर साम्राज्य के दिनों में यह मंदिर बनाया गया था, यह देव राय द्वितीय के अधीन था। श्री विरुपाक्ष मंदिर भारत के उन प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो अद्भुत तथा आश्चर्यजनक वास्तुकला से भरा हुआ है। इसी कारण इसे विश्व घरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इस मंदिर के आस पास की जगह खण्डार बन चुकी है पर अभी भी यह मंदिर पूजा में उपयोग किया जाता है। सदियों से इसे सबसे पवित्र स्थल माना जाता रहा है और आज भी कई तीर्थयात्री यहाँ भगवान शिव का दर्शन करने आते है।
17/02/2023
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Tourist Places
Shri Ram Janma Bhumi- 8 km from Faizabad Bus stand, Kanak Bhavan- 500 meter, Hanuman Garhi- 400 Meter, Karsewakpuram- the site where stones for the temple are stored, Nayaghat- its the bank of River Saryu where devotees take holy dip, 1.5 km, Guptarghat and Ram Ki Padi- Site of Diwali celebrations, adjacent to Nayaghat.
23/11/2022
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विरुपाक्ष मंदिर, कर्नाटक / Virupaksha Temple, Karnataka
विरुपाक्ष मंदिर Virupaksha Temple भारत के कर्नाटक राज्य में, बल्लारी जिले के हम्पी गांव में स्थित है। यह हम्पी के स्मारक समूह का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूचि मे शामिल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है भगवान विरुपाक्ष, शिव का एक रूप है-। 1336-1570 A.D. के विजयनगर साम्राज्य के दिनों में यह मंदिर बनाया गया था, यह देव राय द्वितीय के अधीन था। श्री विरुपाक्ष मंदिर भारत के उन प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो अद्भुत तथा आश्चर्यजनक वास्तुकला से भरा हुआ है। इसी कारण इसे विश्व घरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इस मंदिर के आस पास की जगह खण्डार बन चुकी है पर अभी भी यह मंदिर पूजा में उपयोग किया जाता है। सदियों से इसे सबसे पवित्र स्थल माना जाता रहा है और आज भी कई तीर्थयात्री यहाँ भगवान शिव का दर्शन करने आते है।
26/09/2022
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बद्रीनाथ मंदिर
भारत के राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में, अलकनंदा नदी के किनारे, गढ़वाल पहाड़ी इलाकों में स्थित बद्रीनाथ मंदिर, भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर दुनिया में भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्य देशमों वैष्णव दिव्य देशम में से एक है, जिन्हें बद्रीनाथ के रूप में पूजा जाता है। यह हिंदुओं की चार धाम तीर्थ यात्रा, के चार धामों में से भी एक है। चार धाम चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, बद्रीनाथ उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर का उल्लेख विष्णु पुराण और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। यह भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थस्थलों में से एक हैं। बद्रीनाथ मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे प्रमुख त्योहार माता मूर्ति का मेला है। यह धरती पर गंगा नदी के अवतरण की याद दिलाता है। यह सितंबर के महीने में होती है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 10,279 फीट (3,133 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है और इसकी यात्रा भी काफी कठिन है। यह मंदिर केवल छः महीने के लिए खुला रहता है। यहाँ केवल गर्मियों के महीनों में (अप्रैल से नवंबर के बीच) ही पहुँचा जा सकता है, जब मौसम कम सर्द होता है। बाकि सर्दियों के मौसम के दौरान, अत्यधिक बर्फ के कारण आपके लिए मंदिर की यात्रा करना असंभव होगा।
26/09/2022
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स्वर्ण मंदिर अमृतसर / Golden temple Amritsar
स्वर्ण मंदिर का मूल नाम श्री हरमंदिर साहिब मंदिर है। यह अमृतसर में स्थित है और इसे सिख धर्म में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। स्वर्ण मंदिर अपनी अद्भुत तथा आकर्षक वास्तुकला के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है। चमकदार सोने की दीवारों और कलात्मक बनावट के कारण दुनिया भर के लाखों लोग इस पवित्र स्थल की ओर आकर्षित होते है और केवल सिख धर्म के लोग ही नही, बल्कि दुनिया के सभी धर्मों के लोग हर साल यहां दर्शन के लिए आते हैं। इसलिए स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) सद्भाव और समानता का प्रतीक है। यह एक पवित्र तालाब से घिरा हुआ है जिसे अमृत सरोवर कहा जाता है। भक्त गुरूद्वारे मे दर्शन करने से पहले सरोवर के पवित्र जल में स्नान करते हैं। स्वर्ण मंदिर, दुनिया में सबसे बड़ी लंगर सेवा का आयोजन करता है, जहाँ सभी धर्मो के लोग बिना किसी जाति या धर्म के भेदभाव के, जमीन पर एक साथ पंक्तियों में बैठते हैं और भोजन करते है। यहां सभी लोगो को समान माना जाता है। यह प्रतिदिन लगभग 100,000 से ज्यादा लोगो लंगर करवाया जाता है।
26/09/2022
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रामनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम / Ramnathswamy Temple, Rameshwaram
रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के समुद्र तट दूर एक छोटे से द्वीप पर स्थित है | इस द्वीप को पम्बन द्वीप कहा जाता है। यह भगवान शिव का एक मंदिर है, भगवान शिव के 12 स्थापित ज्योतिर्लिंग में से एक इस मंदिर में मौजूद है। रामेश्वरम मंदिर को रामनाथस्वामी के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया भर में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा इस मंदिर को अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यह मंदिर हिन्दुओं द्वारा की जाने वाली चार धामों की यात्रा का दूसरा मंदिर है,जो दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वर की है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रामनाथस्वामी मंदिर महाकाव्य रामायण के जितना ही पुराना है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहीं वो पहला स्थान है जहाँ भगवान राम, देवी सीता के साथ रावण को हराने के बाद आए थे।
26/09/2022
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काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
वाराणसी में ही गंगा नदी के पश्चिमी तट पर बना है काशी विश्वनाथ मंदिर, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसकी शानदार बनावट और शिल्पकला सबको आकर्षित करती है। मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण, 15.5 मीटर ऊंचा सोने का शिखर और सोने का गुंबद है। 1835 में सिख साम्राज्य के महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के गुंबद पर चढ़ाने के लिए 1 टन सोना दान किया था। यहाँ के तीनों गुंबद शुद्ध सोने से बने हैं। साथ ही यहाँ नंदी बैल की 7 फुट ऊंची पत्थर की मूर्ति है जो अपने आप मे ही अद्भतु है |
26/09/2022
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नैमिषारण्य का इतिहास
नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में गोमती नदी के तट पर वायीं ओर स्थित है। नैमिषारण्य सीतापुर स्टेशन से लगभग एक मील की दूरी पर चक्रतीर्थ स्थित है। यहां चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, मनु-सतरूपा तपोभूमि और हनुमान गढ़ी प्रमुख दर्शनीय स्थल भी हैं। यहां एक सरोवर भी है जिसका मध्य का भाग गोलाकार के रूप में बना हुआ है और उससे हमेशा निरंतर जल निकलता रहता है। अगर आप कभी सीतापुर जाते हैं तो इन स्थानों पर जरूर जाएं और अपने जीवन में इन स्थानों को यादगार अवश्य बनाएं।
22/09/2022
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काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास युगो-युगांतर से है। विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भगवान शिव का यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर को विश्वेश्वर नाम से भी जाना है। विश्वेश्वर शब्द का अर्थ होता है ‘ब्रह्मांड का शासक’। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है। विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है। ये मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर है. कहा जाता है कि इस मंदिर का दोबारा निर्माण 11 वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र ने करवाया था। 1585 में राजा टोडरमल की मदद से पंडित नारायण भट्ट ने विश्वनाथ मंदिर का एक बार फिर से निर्माण करवाया इसके बाद वर्तमान में जो बाबा विश्वनाथ मंदिर स्थित है उसका निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 में करवाया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह ने 1853 में 1000 किलोग्राम सोना दान दिया था। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आदि शंकराचार्य, संत एकनाथ, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास भी आए थे।
21/09/2022
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भगवान राम विजय प्राप्त करने के बाद
जब रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे, तो हनुमानजी यहां रहने लगे। इसीलिए इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट रखा गया। यहीं से हनुमानजी रामकोट की रक्षा करते थे। मुख्य मंदिर में, पवनसुत माता अंजनी की गोद में बैठते हैं। यह विशाल मंदिर और इसका आवासीय परिसर 52 बीघा में फैला हुआ है। वृंदावन, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी सहित देश के कई मंदिरों में इस मंदिर की संपत्ति, अखाड़े और बैठकें हैं।
21/09/2022
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हनुमानगढ़ी, अयोध्या
हनुमान गढ़ी भारत के उत्तर प्रदेश में हनुमान जी का 10वीं शताब्दी का मंदिर है। अयोध्या में स्थित, यह शहर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों के साथ-साथ अन्य मंदिरों जैसे नागेश्वर नाथ और निर्माणाधीन राम मंदिर में से एक हैं। अयोध्या के मध्य में स्थित, 76 सीढ़ियाँ हनुमानगढ़ी तक जाती हैं जो उत्तर भारत में हनुमान जी के सबसे लोकप्रिय मंदिर परिसरों में से एक हैं। यह एक प्रथा है कि राम मंदिर जाने से पहले सबसे पहले भगवान हनुमान मंदिर के दर्शन करने चाहिए। मंदिर में हनुमान की मां अंजनी रहती हैं, जिसमें युवा हनुमान जी उनकी गोद में बैठे हैं। यह मंदिर रामानंदी संप्रदाय के बैरागी महंतों और निर्वाणी अनी अखाड़े के अधीन है।
21/09/2022
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राम मंदिर का इतिहास क्या है?
हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला।
27/08/2022
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अयोध्या में रामलला की मूर्ति कब रखी गई?
जब महंत रघुबर दास ने फैजाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिए याचिका लगाई। कोर्ट ने उनकी याचिका रद्द कर दी। 1886 मेंं फैसले के खिलाफ अपील हुई लेकिन याचिका फिर रद्द हो गई। 1949 में 22-23 दिसंबर को विवादित स्थल पर सेंट्रल डोम के नीचे रामलला की मूर्ति स्थापित की गई।
27/08/2022
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Shri Ram JanmBhoomi
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह की तस्वीरें सामने आई हैं। उधर, राममंदिर जाने वाले तीनों मार्गों को विकसित करने का काम तेज हो गया है। रामपथ, जन्मभूमि पथ व भक्तिपथ को विकसित करने के काम में तेजी लाने का निर्देश सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है। जिसके बाद गुरुवार को डीएम नितीश कुमार ने बैठक कर अधिकारियों को मार्ग निर्माण के काम तेज करने की सख्त हिदायत दी थी। रामजन्मभूमि कॉरीडोर न सिर्फ अयोध्या की भव्यता बढ़ाएगा बल्कि रोजगार के भी अवसर बनेंगे।
27/08/2022
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राम जन्मभूमि
हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला।
21/08/2022
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अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू
Amarnath Yatra 2022: बाबा बर्फानी के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास सदियों पुराना है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था. बाबा अमरनाथ धाम के के दर्शन करने हर साल श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं
18/07/2022
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अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले जरूर करें ये काम
1- हर रोज सुबह की सैर पर जाएं और योग व ध्यान करें। 2- हर रोज सुबह सांस लेने वाला व्यायाम जरूर करें। 3- यात्रा के लिए गर्म कपड़े, खाने-पीने का सामान रख लें। 4- यात्री हर समय अपने आपको हाइड्रेटेड रखें। अमरनाथ गुफा 12,700 फीट की ऊंचाई पर है और वहां तक पहुंचने के लिए 14 हजार से 15 हजार की फीट की ऊंचाई को भी पार करना होता है। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि ऊंचाई वाले स्थान पर कई यात्रियों को ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने में समस्या होती है इसलिए यात्रा से पहले रोज प्रणायाम करने की सलाह दी हई है। साथ ही अमरनाथ यात्रा पहाड़ी क्षेत्र में है तो वहां कब मौसम बदल जाए, उसके लिए कुछ भी नहीं कहा जा सकता
18/07/2022
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